
पेड़ों की छिपी बुद्धिमत्ता और पौधों का आपसी संचार एक अत्यंत रोचक विषय है। वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि पेड़ और पौधे आपस में जड़ों, रसायनों और सूक्ष्मजीवों के माध्यम से संवाद करते हैं। जी हां पोधो में भी जीवित प्राणियो की तरह एक दूसरे के साथ बात करने का गुण होता है परंतु इनको बात करने का अंदाज मनुष्यो से थोड़ा भिन्न होता है ये रसायनिक संकेत वायुमंडलीय संकेत भौतिक संकेत के मध्यम से माइक्रोफिजिकल नेटवर्क के दवारा ये आपस में सवाद स्थापित करते हैं।
पेड़ों और पौधों के संचार के तरीके
माइकोराइज़ल नेटवर्क (Wood Wide Web)
पेड़ और पौधे आपस में कवकों (फंगस) के नेटवर्क के जरिए जुड़े होते हैं, जिसे वैज्ञानिक “Wood Wide Web” कहते हैं।
ये फंगस पेड़ों की जड़ों से जुड़कर पोषक तत्वों और पानी का आदान-प्रदान करने में मदद करते हैं।
बड़े और बूढ़े पेड़ (“मदर ट्री”)छोटे पोधे का ध्यान रखें एवम
उनका कोई भी पोषण संबंधित समास्याआने से पहले ही उन्हें सतर्क कर देते हैं
छोटे पौधों को भोजन और चेतावनी संकेत भेजते हैं।
सायनिक संकेत (Chemical Signaling)
- जब कोई पौधा कीटों के हमले का शिकार होता है, तो वह हवा में विशेष रसायन (वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स – VOCs) छोड़ता है।
- आसपास के पौधे इस संकेत को समझकर अपनी रक्षा प्रणाली सक्रिय कर लेते हैं।
- उदाहरण के लिए, टमाटर के पोधे आपस में रसायनिक संकेतो का उपाय करके बातचित करते है। या सोयाबीन के पोधे आपस में मकोरिजायल नेटवर्क का उपयोगकरके बात चीत करते हैं। एकेशिया (Acacia) पेड़ पर हिरण पत्ते खाते हैं, तो वह टैनिन नामक जहरीला पदार्थ उत्सर्जित करता है, जिससे पत्तियां कड़वी हो जाती हैं। जिस करण अन्य पोधो को भी संकेत पूछा जाता है या वे भी सतर्क हो जाते हैं
ध्वनि संचार (Sound Communication)
पौधों के शोध से पता चला है कि पौधे अल्ट्रासोनिक आवाजें (20-100 kHz) उत्सर्जित कर सकते हैं, ये जब उन्हें पानी की कमी महसूस होती है तब वेक्लिकिंग जैसी ध्वनि उत्पन्न करते इन्ही आवाज के दवारा किसी भी पौधों को संकेत देते हैं जिसे जिसे दूसरे पौधे “सुन” सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया बदल सकते हैं।

यह ज्ञान हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
- पौधों का ज्ञान हमारे लिए अति आवश्यक है। है क्यूकी पोधे पर्यावरण के संरक्षण में महतावपूर्ण भूमिका निभाता है एवम पोधे हमें फल या सब्जियाँ देते है यह ह्मे ओषधि संबंधित अनाइक पारकर के ओशधि प्रदान प्रदान करते हुए जसे किसी भी रोगे का उपचार आराम से किया जा सकता है।
- पौधों के संवाद से हमें प्रकृति या पर्यावरण से जुड़े अनेको रहस्यों का पता चलता है तथा पोधो के संवाद से हमें नई शोध करने में मदद मिलती है तथा पर्यावरण के प्रति जागृति और रुचि बढ़ती है या शाकाहारी ज्ञान में वृद्धि मिलती है तथा पोधो का महत्व समझ आता है।
संवाद सुनने वाले पौधों के बारे में कुछ महत्तवपूर्ण रोचक तथ्य:
पौधों की भाषा पौधों की भी अपनी भाषा होती है ये भाषा हमें समझ में नहीं आती लेकिनवैज्ञानिको के अनुसर पोधे संकेतो के माध्यम से आपकी बात करके है,पौधों की समृति पोधे अपनी समृति को उपाय करके संवाद करते हैं और आस-पास के पर्यावरण को याद रखते हैंपौधों का समाजिक व्यवहार पोधे समाजिक व्यवहार का संरक्षण करते हैं और आस पास के पोधो के साथ संवाद करके उनकी मदद करते हैं पोधो की भावनाएँ जी हा पोधो की भी भावनाएँ होती हैं वे भी खुशियाँ, दुःख और डर जैसी भावनाएँ महसुस करते हैं पोधो के संवाद तथा मानव और विज्ञान के लिए भी बोहत महत्तवपूर्ण है जिसे हम पोधो की देखभाल करने में मदद मिलती है और ये हमें नए अनुसंधान के अवसर प्रदान करने में मदद मिलती है।अंते हमें अपने आस-पास के पोधो का संरक्षण जरूर करना चाहिए ये हमारी जिम्मेदारी है|
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